4 साल पहले सड़क किनारे और मुक्तिधाम में रोपे 6 सौ पौधे
आज वृक्ष बनकर दे रहे हैं... पथिकों को छाँव और शोकाकुल परिवारों को सांत्वना
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की ग्राम पंचायत राघोनवागाँव ने सामाजिक सरोकार की एक आदर्श मिसाल सबके सामने पेश की है। यह मिसाल उसने साल 2017-18 में वृक्षारोपण के अंतर्गत गाँव के मुक्तिधाम और उसके नजदीक से गुजरने वाली सड़क के किनारे मनरेगा से 6 सौ छायाँदार पौधों का रोपण करके प्रस्तुत की है, जो आज 7 से 10 फुट लंबाई तक के हो चुके हैं। इनकी छाँव के तले पथिक जहाँ तेज धूप से राहत महसूस करते हैं, वहीं अंत्येष्टि के लिए मुक्तिधाम पहुँचने वाले शोकाकुल परिवारों को ये पेड़ अपनी हरियाली से सांत्वना देते हुए नजर आते हैं।
डौण्डीलोहारा विकासखण्ड की यह ग्राम पंचायत, जिले के देवरीबंगला से
राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव तक जाने वाली सड़क के किनारे स्थित है। गाँव से कुछ
ही दूरी पर इस सड़क से लगकर ही गाँव का मुक्तिधाम है, जहाँ अंत्येष्टि के लिए
पहुँचने वाले परिवार और उनके परिजन गर्मी में पेड़ की एक अदद छाँव के लिए तरस जाया
करते थे। वहीं सड़क के किनारे उगे कंटिले पौधे और बंजर भूमि पर फैले कड़े-कचरे ने
गाँव के साथ-साथ मुक्तिधाम आने वालों के सामने भी गाँव की छबि को बदनुमा बना दिया
था। इस स्थिति से निजात पाने के लिए ग्राम पंचायत ने ग्राम सभा में वृक्षारोपण कर
हरियाली लाने का प्रस्ताव सबके समक्ष रखा। ग्राम सभा के अनुमोदन के बाद अंततः साल
2017-18 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी
नरेगा) से 8.75 लाख रुपये की लागत से 600 छायाँदार पौधों के वृक्षारोपण के प्रस्ताव
पर स्वीकृति प्राप्त हुई। इस प्रस्ताव में पौधरोपण के साथ-साथ साल 2021-22 तक इनके
संधारण का कार्य भी शामिल था।
ग्राम पंचायत ने मनरेगा श्रमिकों के साथ 12 जुलाई 2017 को सड़क किनारे और
मुक्तिधाम में छः सौ छांवदार पौधरोपण किया, जिसमें गुलमोहर के 54, नीम के 201,
करंज के 94, कुसुम के 35, आँवला के 196 और सतपतिया के 20 पौधे शामिल थे। पथिकों को
छाँव उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सड़क के दोनों किनारों पर 500-500 मीटर का
पथ-वृक्षारोपण किया गया। इनकी सुरक्षा के लिए इन्हें चेन लिंक कांक्रीट पोल से
घेरा गया और ड्रम टैंकर की मदद से नियमित रुप से पानी दिया गया। इस कार्य में 211 मनरेगा श्रमिकों 2 हजार 755 मानव दिवस का सीधा रोजगार मिला और
मजदूरी के रुप में 4 लाख 89 हजार रुपये प्राप्त हुए।
पौधों की नियमित देखभाल के साथ-साथ उन्हें समय-समय पर पानी देकर, ग्राम पंचायत
ने मुक्तिधाम के आस-पास और सड़क किनारे हरियाली ला दी है। राघोनवागाँव के मनरेगा
श्रमिक श्री गेमेन्द्र कुमार बताते हैं कि उन्होंने यहाँ वृक्षारोपण और पौधों के
संधारण के लिए 2017-18 से इस साल 2020-21 तक कुल 30 दिन काम किया। इसकी मजदूरी के
रुप में 5,340 रुपए प्राप्त हुए। वहीं एक ओर मनरेगा श्रमिक श्री जलांधर सिंह को 81
दिनों का रोजगार मिला, जिसमें उसे कुल 14,670 रुपए की मजदूरी मिली। यहाँ महात्मा
गांधी नरेगा से जहाँ ग्रामीणों को नियमित रोजगार मिला, वहीं ग्राम पंचायत ने अपना
सामाजिक सरोकार निभाकर एक नायाब उदाहरण पेश किया है।
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एक नजरः-
ग्रा.पं.- राघोनवागांव, विकासखण्ड- डौण्डीलोहारा, जिला-बालोद, छत्तीसगढ़। कार्य अवधि- 5 वर्ष।
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रिपोर्टिंग- श्री ओम प्रकाश साहू, सहायक परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत-बालोद, छत्तीसगढ़।
एवं श्री नीरज वर्मा, कार्यक्रम अधिकारी, जनपद पंचायत-डौण्डीलोहारा, बालोद, छत्तीसगढ़।
तथ्य व स्त्रोत- श्री करण कुमार यादव, तकनीकी सहायक, जनपद पंचायत-डौण्डीलोहारा, बालोद, छत्तीसगढ़।
एवं श्री चेतन कुमार, ग्राम रोजगार सहायक, ग्रा.पं.-राघोनवागांव, बालोद, छत्तीसगढ़।
लेखन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
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