Friday, 17 September 2021

मनरेगा से सशक्त हुए दिव्यांग रामनंदन

मनरेगा से रोजगार प्राप्त करते हुए कोरोनाकाल में ग्रामीणों को जागरुक करने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका



स्टोरी/रायपुर/सरगुजा/17 सितम्बर, 2021. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए शहर आकर काम करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होता और शहर में हर किसी को काम मिले, इसकी कोई गारण्टी भी नहीं होती। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) ने ग्रामीणों की इस बड़ी चुनौती को गाँव में ही अकुशल श्रम के रुप में 100-दिनों के रोजगार की गारण्टी देकर काफी हद तक दूर करने की कोशिश की है। दूसरी तरफ योजनांतर्गत होने वाले निर्माण कार्यों में अर्द्धकुशल एवं कुशल श्रमिकों को भी रोजगार मिल रहा है। इससे समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को विकास की मुख्यधारा में शामिल होने का समान अवसर प्राप्त हो रहा है।

सरगुजा जिले के अम्बिकापुर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत चठिरमा के निवासी श्री रामनंदन पिता श्री शिवप्रसाद के लिए भी शहर आकर रोजगार के लिए काम ढूंढना चुनौतियों और मुश्किलों से भरा था। एक तरफ एक पैर से दिव्यांगता के कारण अधिक मेहनत या भार उठाने वाला काम नहीं कर पाने की मुश्किल थी, तो दूसरी तरफ हायर सेकेण्डरी तक की शिक्षा के कारण उपयुक्त रोजगार मिलना चुनौतीपूर्ण बन गया था। ऐसे में महात्मा गांधी नरेगा श्री रामनंदन के लिए सहारा बना। उन्हें ग्राम रोजगार सहायक श्री वीरसाय से जानकारी मिली कि योजनांतर्गत दिव्यांग व्यक्ति को भी उनकी क्षमता के अनुसार रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं।

ग्राम रोजगार सहायक की ये बातें श्री रामनंदन की सभी मुश्किलों का मानों संकट मोचन सी बन गई थी। उन्होंने बिना कोई देर किए, ग्राम पंचायत में रोजगार के लिए आवेदन दे दिया। ग्राम पंचायत ने उन्हें उनकी दिव्यांगता के अनुसार महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यस्थल पर श्रमिकों के प्रबंधन के लिए मेट के रुप में एवं समय-समय पर श्रमिकों को पानी पिलाने काम देते हुए रोजगार के अवसर प्रदान किए। स्थानीय स्तर पर महात्मा गांधी नरेगा से काम मिलना दिव्यांग रामनंदन के लिए कल्पना से कम नहीं रहा।

साल 2015 से उन्हें महात्मा गांधी नरेगा से लगातार काम मिल रहा है और पिछले पाँच सालों में उन्हें 79 हजार 895 रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया है। गाँव में ही रोजगार प्राप्त करके वे अब पहले से कहीं अधिक सशक्त भी हो गए हैं। महात्मा गांधी नरेगा में उन्होंने गाँव में भगवानपुर जलाशय के दाई तट नहर का मरम्मत कार्य, अर्जुन एवं सुखसाय की निजी भूमि पर डबरी का निर्माण, घुमाडांड तालाब का गहरीकरण, सी.पी.टी. निर्माण और वन अधिकार पट्टाधारी किसानों की जमीनों पर डबरी का निर्माण प्रमुखता से करवाया है। योजनांतर्गत इन परिसम्पत्तियों के निर्माण से गाँव और ग्रामवासियों का बेहतर विकास हो सका।

दिव्यांग श्री रामनंदन बताते हैं कि उनके परिवार में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विफाईया के अलावा दो बच्चे हैं। वे योजना से मिली मजदूरी को अपने दोनों बच्चों सूर्यकांत और रविकांत की पढ़ाई और परिवार के भरण-पोषण में खर्च करते हैं तथा बचे हुए पैसों को खेती-बाड़ी में लगाते हैं। वे आगे बताते हैं कि उनके पास 0.8 एकड़ कृषि भूमि है, जिसे उनकी पत्नी संभालती है। वह उसमें धान की पैदावार लेती है और साग-सब्जियाँ उगाती हैं।

ग्राम रोजगार सहायक श्री वीरसाय बताते हैं कि वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में ग्राम पंचायत के सामने लॉकडाउन अवधि में ग्रामीणों को कोरोना बीमारी के संक्रमण से बचाते हुए रोजगार उपलब्ध कराना सबसे बड़ी चुनौती थी। श्री रामनंदन ने इस चुनौती का सामना करने में ग्राम पंचायत की काफी मदद की। वे कार्यस्थल पर मजदूरों को नियमित रुप से हाथ धुलाकर, काम में लगाते थे और हमेशा मास्क या गमछा लगाए रहने की हिदायत देते रहते थे। वे प्रतिदिन काम पर आने वाले श्रमिकों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के संबंध में बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर उनसे बातचीत करते रहते थे। महात्मा गांधी नरेगा में रोजगार मिलने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।

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एक नजरः-
ग्राम पंचायत- चठिरमा, विकासखण्ड- अंबिकापुर, जिला- सरगुजा, पिनकोड- 497001
दिव्यांग हितग्राही का नाम- श्री रामनंदन पिता श्री शिवप्रसाद, उम्र- 50 वर्ष,
दिव्यांग हितग्राही की पत्नी का नाम- श्रीमती विफाईया, उम्र- 38 वर्ष,
दिव्यांग हितग्राही के बच्चों का विवरण- श्री सूर्यकांत (उम्र- 14 वर्ष, शिक्षा- 8वीं), श्री रविकांत (उम्र- 11 वर्ष, शिक्षा- 6वीं),
दिव्यांग हितग्राही का जॉब कार्ड नम्बर- CH-05-001011-001/158, मोबाईल नम्बर- 8120895119,
दिव्यांग रामनंदन को योजनांतर्गत प्राप्त मजदूरी-
स.क्रं. वित्तीय वर्ष 2017-18 2018-19 2019-20 2020-21 2021-22
1. रोजगार दिवस 133 81 126 72 39
2. मजदूरी (रुपए में) 22,876 14,094 21,718 13,680 7,527

# नोटः- महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत अतिरिक्त 50 दिवस का रोजगार राज्य सरकार के द्वारा राज्य बजट से दिया जाता है। 

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तथ्य एवं आंकड़े- श्री निलेश जायसवाल, कार्यक्रम अधिकारी, जनपद पंचायत-अंबिकापुर, जिलाः सरगुजा, छत्तीसगढ़।
लेखन– सुश्री मिनाक्षी वर्मा, सहायक प्रचार प्रसार अधिकारी, जिला पंचायत- सरगुजा, छत्तीसगढ़।
संपादन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
संपादकीय सहयोग– श्री देवेन्द्र कुमार यादव, सहायक प्रचार प्रसार अधिकारी, जिला पंचायत- जांजगीर चांपा, छत्तीसगढ़।
प्रूफ रिडिंग- श्री महेन्द्र मोहन कहार, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
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