मेट का काम कुशलता से अंजाम देने के साथ ही महिलाओं को कर रहीं प्रेरित
स्टोरी/रायपुर/गरियाबंद/18 अक्टूबर, 2021. ‘हर हाथ को काम और काम का वाजिब दाम’ की उक्ति को धरातल पर उतारने वाली महात्मा गांधी नरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) देश की ‘आधी आबादी’ को भी आर्थिक मजबूती प्रदान कर रही है। हर हाथ को काम देने का आशय केवल पुरूष मजदूर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें ऐसे सभी महिला श्रमिक भी शामिल हैं जो काम की इच्छुक हैं और जो काम कर सकती हैं। देश की ‘आधी आबादी’ यानि महिलाएं महात्मा गांधी नरेगा में पुरूषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर रोजगार सृजन कर रही हैं। महिला मेटो की नियुक्ति से कार्यस्थल में उनकी उपस्थिति और भी ज्यादा सुनिश्चित हुई है। महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों में महिला मेट नाप से लेकर रिकॉर्ड संधारण का कार्य बखूबी कर रही हैं। वे महिला मजदूरों को प्रोत्साहित भी कर रही हैं। फलस्वरूप अनेक जिलों में कार्यस्थलों में महिला मजदूरों की भागीदारी 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखण्ड मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर सघन वनों के बीच ग्राम पंचायत गुन्डरदेही बसा है। वहां पंजीकृत पांच महिलो मेटों में एक श्रीमती गिरजा साहू भी है।
मजदूर परिवार की गिरजा बारहवीं तक शिक्षित है। पहले उनका परिवार पति की रोजी-मजदूरी पर ही निर्भर था। पर अब जब से वह मेट बनी है, अपने परिवार को आर्थिक संबल प्रदान कर रही है। वर्ष 2015 से मेट का काम कर रही गिरजा ने धीरे-धीरे रकम जोड़कर अब कपड़े की एक दुकान भी खोल ली है। आय का अतिरिक्त साधन होने से परिवार की आर्थिक स्थिति अब पहले से काफी बेहतर हो गई है।
दूसरी महिलाओं को कर रही प्रेरित
गिरजा को मेट का काम करते देख गांव की केशरी ध्रुव, मंजू साहू, उर्वशी यादव और त्रिवेणी साहू भी प्रेरित हुईं और मेट का काम सीखकर अब वे भी महिला मेट के रूप में सेवाएं दे रही हैं। इन लोगों ने मनरेगा के तकनीकी सहायक से खनती की माप एवं मजदूरों का नियोजन सीखने के बाद महिला मेटों के लिए आयोजित प्रशिक्षण में पंजी संधारण एवं दस्तावेजों के रखरखाव का काम भी कुशलता से सीख लिया है। गांव में नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, नाला सफाई एवं भूमि सुधार जैसे अनेक कार्यों में मेट के रूप में मजदूरों के कुशल नियोजन के साथ-साथ उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश देने, पंजी संधारण तथा मस्टररोल में हाजिरी दर्ज करने जैसे महत्वपूर्ण काम वे कर रही हैं।
महिलाओं की 50% प्रतिशत से अधिक भागीदारी
वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण गुण्डरदेही में खेती-किसानी का रकबा बहुत कम है। रोजगार के अन्य साधन भी कम संख्या में हैं। वहां मनरेगा कार्यों में महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाने में गांव की इन पांचों महिला मेटो का विशेष योगदान है। इनके प्रोत्साहन से पिछले तीन वर्षों में मनरेगा कार्यों में महिला श्रमिकों की भागीदारी 50 प्रतिशत से अधिक रही है। गुन्डरदेही में वर्ष 2018-19 में सृजित कुल मानव दिवस रोजगार में से 55 प्रतिशत, 2019-20 में 56 प्रतिशत और 2020-21 में करीब 54 प्रतिशत महिलाओं द्वारा सृजित किए गए हैं। गांव की महिला मेटो द्वारा आजीविका संवर्धन के कार्यों के प्रति महिलाओं को प्रोत्साहित करने से ही इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार देना संभव हो पाया है।
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वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिनांक- 18.10.2021 की स्थिति में एक नजरः-
जारी जॉब कार्ड संख्या- 641, सक्रिय जॉब कार्ड संख्या- 614, सक्रिय श्रमिकों की संख्या- 1246,
रोजगार प्राप्त परिवारों की संख्या- 449, सृजित मानव दिवस- 8890,
रोजगार प्राप्त महिला श्रमिकों की संख्या- 384, महिला श्रमिकों के द्वारा सृजित मानव दिवस- 4430
मेट का नाम- श्रीमती गिरजा साहू पति श्री कृष्ण कुमार साहू, उम्र- 37 वर्ष, मोबाईल नं.- 8435778737
तथ्य एवं आंकड़े-
1. श्री बुद्धेश्वर साहू, सहायक परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत-गरियाबंद, छत्तीसगढ़।
2. श्री अंकित वर्मा, प्रोग्रामर, जिला पंचायत-गरियाबंद, छत्तीसगढ़ ।
3. श्री कपिल नायक, तकनीकी सहायक, वि.ख.-फिंगेश्वर, जिला-गरियाबंद, छ.ग.।
लेखन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
संपादन- श्री कमलेश साहू, जनसंपर्क संचालनालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
प्रूफ रिडिंग- श्री महेन्द्र मोहन कहार, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
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तथ्य एवं आंकड़े-
1. श्री बुद्धेश्वर साहू, सहायक परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत-गरियाबंद, छत्तीसगढ़।
2. श्री अंकित वर्मा, प्रोग्रामर, जिला पंचायत-गरियाबंद, छत्तीसगढ़ ।
3. श्री कपिल नायक, तकनीकी सहायक, वि.ख.-फिंगेश्वर, जिला-गरियाबंद, छ.ग.।
लेखन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
संपादन- श्री कमलेश साहू, जनसंपर्क संचालनालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
प्रूफ रिडिंग- श्री महेन्द्र मोहन कहार, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
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