स्टोरी/रायपुर/जशपुर/03 दिसम्बर 2021. नारी को अपने बाल्यकाल से ही घर के सभी कामों के प्रबंधन के बारे में जानकारी होती है। घरेलू आवश्यकताओं और जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधनों के समुचित उपयोग एवं उनके प्रबंधन देखते हुए वे बड़ी होती हैं। किशोरावस्था तक पहुँचते-पहुँचते वे परिवारिक प्रबंधन कार्य में दक्ष हो जाती हैं। यही दक्षता उन्हें घर के बाहर अपने कार्य-उत्तरदायित्वों के निर्वहन में मदद करती है। जशपुर जिले के मनोरा विकासखण्ड अन्तर्गत ग्राम पंचायत डड़गांव की रहने वाली श्रीमती करीना खातून के प्रबंधन कार्य को महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत खुले कामों में देखा जा सकता है। कल तक गांव में स्वच्छता के क्षेत्र में अपने प्रबंधन कार्य के हुनर का लोहा मनवा चुकी श्रीमती करीना आज महात्मा गांधी नरेगा में श्रमिकों से काम की मांग, मोबाईल एप्प में उनकी उपस्थिति, रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन जैसी मजदूरी भुगतान में आने वाली समस्या का निराकरण एवं जॉब कार्ड अद्यतन जैसे कार्यों के प्रबंधन को बड़ी कुशलता से करती हैं।
स्वच्छता एवं रोजगार का प्रबंधन
परिवार और खेती-बाड़ी को बनाया खुशहाल
महिला मेट के तौर पर काम करते हुए श्रीमती करीना को अब तक बतौर पारिश्रमिक 31 हजार 884 रुपये प्राप्त हो चुके हैं, जिसका उपयोग उन्होंने अपने बच्चों के ट्यूशन एवं कॉलेज फीस भरने में किया। इसके अलावा उन्होंने शेष बचे रुपयों को अपने लगभग दो एकड़ की जमीन में मिर्ची की खेती में लगाया है। उनकी मेहनत से आज उनका खेत हरा-भरा है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिनांक- 26.11.2021 की स्थिति में एक नजरः-
जारी जॉब कार्ड संख्या- 351, सक्रिय जॉब कार्ड संख्या- 287, सक्रिय श्रमिकों की संख्या- 701,
सक्रिय महिलाओं की संख्या- 363, रोजगार प्राप्त परिवारों की संख्या- 145,
रोजगार प्राप्त श्रमिकों की संख्या- 242, सृजित मानव दिवस- 4601,
रोजगार प्राप्त महिला श्रमिकों की संख्या- 148, महिला श्रमिकों के द्वारा सृजित मानव दिवस- 2748,
मेट का नाम- श्रीमती करीना खातून , उम्र- 37 वर्ष
रिपोर्टिंग- श्री विकास प्रभात एक्का, कार्यक्रम अधिकारी, जनपद पंचायत-मनोरा, जिला-जशपुर, छत्तीसगढ़,
लेखन- श्री अश्विनी व्यास, समन्वयक (शिकायत निवारण), जिला पंचायत-जशपुर, जिला-जशपुर, छत्तीसगढ़,
संपादन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
37 वर्षीय करीना वर्ष 2018 से अपने गांव में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत स्वच्छता ग्राही की भूमिका का निर्वहन कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने ‘‘शौचालय का उपयोग, गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने, किशोरियों/ बालिकाओं एवं महिलाओं हेतु माहवारी प्रबंधन तथा सैनेटरी पैड के नियमित उपयोग’’ के संबंध में जागरुकता एवं व्यवहार परिवर्तन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये हैं, जिसके लिए उन्हें 2 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रीय स्तर पर "बेस्ट स्वच्छता ग्राही" पुरस्कार से नवाजा गया। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत साल 2019 से मेट के रुप में काम करते हुए करीना ने अपनी प्रबंधन-कला के बलबूते अन्य मेट के साथ एक टीम बनाई और काम करना शुरु किया। उनकी टीम योजनांतर्गत श्रमिकों से काम की मांग प्राप्त करती है और फिर उन्हें कार्य प्रारंभ होने की सूचना देते हुए उनका कार्यस्थल पर नियोजन व प्रबंधन करती है।
स्वच्छता-ग्राही के बाद महात्मा गांधी नरेगा में मेट के रुप में अपने अनुभव को साझा करते हुए श्रीमती करीना खातून बताती हैं कि महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सबसे बड़ी चुनौती श्रमिकों के मजदूरी भुगतान में आ रही ट्रान्जेक्शन्स रिजेक्शन की समस्याओं का निराकरण है। इसके अंतर्गत सामान्यतः श्रमिकों को बैंक से जारी पास-बुक में अंकित नाम व खाता क्रमांक के आधार पर नरेगा सॉफ्टवेयर (नरेगा-सॉफ्ट) में दर्ज श्रमिकों के नाम व खाता क्रमांक में अंतर, अमान्य खाता प्रकार, ऐसा कोई खाता नहीं, खाता बंद या स्थानांतरित, निष्क्रिय आधार, केवाईसी अपडेट नहीं, खाता मौजूद नहीं है, आधार को खाते से नहीं जोड़ा गया, बैंकों के मर्ज होने की स्थिति में अमान्य बैंक पहचानकर्ता, आई.एफ.एस. कोड का गलत होना एवं दावारहित खाता जैसे कारण हैं, जिनसे मजदूरी भुगतान के लिए जारी फंड ट्रांसफर आर्डर रिजेक्ट हो जाते हैं और श्रमिक को लगता है कि उसका मजदूरी भुगतान नहीं हो रहा है। वे आगे बताती हैं कि साल 2019 में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान के कुल 250 ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हुए थे, जिसे जनपद पंचायत के कार्यक्रम अधिकारी से प्राप्त मार्गदर्शन के आधार पर आवश्यक सुधारकर, दूर किया। आज की स्थिति में ग्राम पंचायत में रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन नहीं के बराबर हैं और महात्मा गांधी नरेगा के मजदूरों के बैंक-पासबुक में उनकी मजदूरी दिखाई देती है। इसका सीधा प्रभाव कार्य स्थल पर दिख रहा है। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत खुले कामों में श्रमिकों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
महिला मेट के तौर पर काम करते हुए श्रीमती करीना को अब तक बतौर पारिश्रमिक 31 हजार 884 रुपये प्राप्त हो चुके हैं, जिसका उपयोग उन्होंने अपने बच्चों के ट्यूशन एवं कॉलेज फीस भरने में किया। इसके अलावा उन्होंने शेष बचे रुपयों को अपने लगभग दो एकड़ की जमीन में मिर्ची की खेती में लगाया है। उनकी मेहनत से आज उनका खेत हरा-भरा है।
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वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिनांक- 26.11.2021 की स्थिति में एक नजरः-
जारी जॉब कार्ड संख्या- 351, सक्रिय जॉब कार्ड संख्या- 287, सक्रिय श्रमिकों की संख्या- 701,
सक्रिय महिलाओं की संख्या- 363, रोजगार प्राप्त परिवारों की संख्या- 145,
रोजगार प्राप्त श्रमिकों की संख्या- 242, सृजित मानव दिवस- 4601,
रोजगार प्राप्त महिला श्रमिकों की संख्या- 148, महिला श्रमिकों के द्वारा सृजित मानव दिवस- 2748,
मेट का नाम- श्रीमती करीना खातून , उम्र- 37 वर्ष
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तथ्य/आंकड़े- श्री अखिलेश भगत, तकनीकी सहायक, जनपद पंचायत-मनोरा, जिला-जशपुर, छत्तीसगढ़, रिपोर्टिंग- श्री विकास प्रभात एक्का, कार्यक्रम अधिकारी, जनपद पंचायत-मनोरा, जिला-जशपुर, छत्तीसगढ़,
लेखन- श्री अश्विनी व्यास, समन्वयक (शिकायत निवारण), जिला पंचायत-जशपुर, जिला-जशपुर, छत्तीसगढ़,
संपादन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
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