जागरुकता और भागीदारी का
प्रकाशपुंज बना, नवीन पंचायत भवन
कई बार सहसा, कोई निर्माण कार्य भी किसी उद्देश्य की
प्राप्ति के मार्ग को सहज कर देते हैं। ऐसा ही निर्माण कार्य रायपुर जिले के आरंग
विकासखण्ड की ग्राम पंचायत-बेनीडीह में देखने को मिलता है। यहाँ महात्मा गांधी
नरेगा के साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के अभिसरण से बने नवीन
पंचायत भवन की बाहरी दीवारों पर चित्रित विभिन्न योजनाओं की जानकारियां, ग्रामीणों को जागरुक कर उनकी स्थानीय स्वशासन में भागीदारी को बढ़ा
रही हैं। ग्राम पंचायत के द्वारा नवाचार के तहत इस नवीन भवन में कुछ इस तरह प्रकाश
व्यवस्था की गई है कि, रात को यह रंग-बिरंगी रोशनी में जगमगाता हुआ दिखाई देता है।
इस रोशनी में भवन की बाह्य दीवारों पर उकेरे गये चित्र और जानकारियाँ सहसा ही यहाँ
से गुजरने वालों का मन मोह लेती हैं। इस प्रकार यह भवन दिन और रात, दोनों ही अवधि
में ग्रामीणजनों को जागरुक करने और उनकी पंचायतराज व्यवस्था में भागीदारी को
प्रेरित करने के लिए प्रकाशपुंज की भूमिका निभा रहा है।
साल 2014 तक बेनीडीह, ग्राम
पंचायत-राटाकाट का आश्रित गांव हुआ करता था। बारिश के समय महानदी के पानी के बहाव
के कारण ग्राम पंचायत मुख्यालय पहुँचने का रास्ता बंद हो जाता था। परिणामस्वरुप
लभगभ 7 किलोमीटर का रास्ता घूमकर ही ग्राम पंचायत- कार्यालय में पहुँचा जा सकता
था। ग्रामीणों की इस समस्या को समझते हुये प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक संवेदनशीलता
के तहत् बेनीडीह को आरंग विकासखण्ड का ग्राम पंचायत घोषित किया । इससे यहाँ के
ग्रामीणों को ग्रामीण सचिवालय के कार्यों के लिए तो सहुलियत हो गई, किन्तु ग्राम
पंचायत भवन नहीं होने के कारण पंचायत की बैठकें और ग्राम सभा की कार्यवाही जैसे
कार्य सामुदायिक भवन में संपादित करने पड़ रहे थे। ग्राम पंचायत की इस समस्या का
समाधान भी शीघ्र ही निकल आया। यहाँ नवीन पंचायत भवन के निर्माण के लिए साल 2016-17
में प्रशासकीय स्वीकृति मिल गई। भवन निर्माण के लिए शासन की विभिन्न योजनाओं की
निधियों के अभिसरण की युक्ति अपनाई गई। इसके अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा से 8 लाख
15 हजार तथा राज्य सरकार की योजना मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना से 5 लाख
व 14वें वित्त योजना से 1 लाख रुपये की राशि जारी की गई। ग्राम पंचायत के
पदाधिकारियों और ग्रामीणों की लगन का ही परिणाम था कि राशि 14 लाख 15 हजार रुपयों की
कुल लागत से यह भवन अक्टूबर-2017 में बनकर तैयार हो गया।
ग्रामीण श्री दिनेश कुमार
सिन्हा, श्री चैतराम साहू और श्री मुकेश सिन्हा से मौके पर हुई चर्चा में वे बताते
हैं कि गांव में नवीन पंचायत भवन बनने के बाद से पंचायत के कार्यों में तेजी आई
है। अब हमें अपने गांव की समस्याओं, मांगो और विकास के कार्यों पर अपने विचार रखने
के लिए एक समुचित स्थान मिल गया है। पंचायत भवन पर योजनाओं की जानकारी इतने सरल
शब्दों में दी गई है कि अब हम सभी योजनाओं के बारे नई-नई बातें जानने के लिए ग्राम
पंचायत कार्यालय में होने वाली बैठकों में आते रहते हैं। विशेष अवसरों पर हमारा
पंचायत भवन देर शाम या रात तक भी खुला रहता है। ऐसे में यहां की गई रोशनी व्यवस्था
से यह भवन जगमगाता हुआ बहुत सुंदर दिखाई देता है। इसके कारण यह पंचायत भवन
आस-पड़ोस की दूसरी ग्राम पंचायतों के भवनों से अलग नजर आता है।
ग्राम पंचायत- बेनीडीह की
सरपंच श्रीमती ईश्वरी देवदास ग्रामीणों से नये पंचायत भवन पर हो रही चर्चा को आगे
बढ़ाते हुये कहती हैं कि इस तरह का भवन निर्माण, उसकी बाहरी दिवारों पर योजनाओं की
सारगर्भित जानकारियाँ और रोशनी व्यवस्था पंचायत के सभी प्रतिनिधियों का सामूहिक
संकल्प था, जिसे ग्रामीणों की भागीदारी से पूरा किया गया। खुद का भवन होने से
पंचायत के कार्यों को व्यवस्थित ढंग से करने में सहायता मिल रही है। भवन की बाहरी
दीवारों पर योजनाओं की जानकारियों के रेखांकन के बाद से ग्रामीणों में जागरुकता का
स्तर बढ़ा है। वे अब योजनावार चर्चा में अपनी मांगों और समस्याओं पर खुलकर चर्चा
करते हैं। यह पंचायत भवन हम सभी के लिए विकास का एक प्रकाशपुंज बनकर सामने आया है।