सामुदायिक
फलोद्यान से
आत्मनिर्भरता और आर्थिक उन्नति का सफ़र
जिला मुख्यालय से 96 किलोमीटर दूर पत्थलगाँव विकासखण्ड में सुरेशपुर एक आदिवासी बहुल्य गाँव है। इस गाँव के निवासी 45 वर्षीय श्री मदनलाल पिता श्री जगरनाथ एक आदिवासी गोंड किसान हैं। वे खेती करके अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे थे, किन्तु उन्हें अपनी लगभग ढाई हेक्टेयर की पड़ती(बंजर) कृषि भूमि पर कुछ भी नहीं उगा पाने का काफी दुख था। एक दिन उन्होंने पंचायत कार्यालय में सहसा ही गाँव के ग्राम रोजगार सहायक श्री ज्ञानेश कुमार डनसेना से इस संबंध में बातचीत की थी, उन्हें क्या पता था कि उनकी यह बातचीत उनके पड़ती जमीन के दिन बदल देगी। श्री ज्ञानेश ने उन्हें उद्यानिकी विभाग के माध्यम से सामुदायिक फलोद्यान लगाने और उनके बीच अंतरवर्ती खेती के रुप में सब्जियों के उत्पादन का उपाय बताया। बस फिर क्या था, श्री मदनलाल ने पंचायत की सलाह पर तुरंत अपनी कृषि भूमि से लगते अन्य कृषकों श्री बुधकुंवर पिता श्री सोनसाय, श्री मोहन पिता श्री बुधु, श्री मनबहाल पिता श्री माधव और श्रीमती हेमलता पति श्री पिनाकधर से संपर्क किया एवं उन्हें मिलकर सामुदायिक फलोद्यान से होने वाले फायदे के बारे में बताया। चूँकि इन चारों किसानों की आधे से लेकर एक हेक्टेयर तक की कृषि भूमि श्री मदनलाल की कृषि भूमि से लगती थी और लगभग सभी की यह भूमि पड़ती होने के कारण अनुपयोगी थी। इसलिए सभी ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी। आखिरकार श्री मदनलाल की मेहनत रंग लाई और ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर 9.48 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति के साथ सामुदायिक फलोद्यान रोपण का मार्ग प्रशस्त हो गया।
यहाँ वर्ष 2013-14 में उद्यानिकी विभाग ने श्री मदनलाल सहित पाँचों किसानों की कृषि भूमि को मिलाकर 4.600 हेक्टेयर भूमि के एक चक पर आम का सामुदायिक फलोद्यान रोपण का कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) से कराया। उस समय 7 लाख 97 हजार रुपयों की लागत से आम की दशहरी प्रजाति के एक हजार 300 पौधे रोपे गए थे। यह कार्य इन पाँचों हितग्राहियों के परिवार के सदस्यों सहित कुल 67 जॉबकार्डधारी श्रमिकों ने मिलकर पूरा किया। योजना से इन्हें 3 हजार 617 मानव दिवस रोजगार के लिए 5 लाख 75 हजार 863 रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया।
जिले के उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री राम अवध सिंह भदौरिया बताते हैं कि इस आम्र फलोद्यान से इन्हें पिछले 3 सालों में आमों की बिक्री से लगभग 5 लाख 70 हजार रुपये से अधिक की आमदनी हुई है। वहीं दूसरी ओर अंतरवर्ती फसल के रुप में इन्होंने बरबट्टी, भिण्डी, करेला, मिर्च, टमाटर, प्याज और आलू की सब्जियों का उत्पादन लिया है। इन सब्जियों को स्थानीय और पत्थलगाँव के बाजारों में बेचकर इन्होंने लगभग साढ़े 3 लाख रुपए की अतिरिक्त कमाई भी की है। पाँचों किसानों में श्री मदनलाल काफी सक्रिय हैं। वे फलोद्यान में अपने हिस्से की भूमि के साथ-साथ बाकी चारों किसानों की भूमि पर रोपे गए पेड़ों की शुरु से देखभाल करते आए हैं।
फलोद्यान से प्राप्त हुए फायदों के बारे में लाभार्थी श्री मदनलाल कहते हैं कि “इस आम के बगीचे में उद्यानिकी विभाग ने हमारी बहुत मदद की है। विभाग ने यहाँ राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना से ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, सब्जी क्षेत्र विस्तार (प्याज), पैक हाउस, मल्चिंग शीट और वर्मी कम्पोस्ट यूनिट के रुप में विभागीय अनुदान सहायता उपलब्ध कराई हैं। हमारी परस्पर एकजुटता और योजनाओं के तालमेल से विकसित हुए इस फलोद्यान से तीन ही सालों में ही हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी हुई है। आमों की अच्छी क्वालिटी होने से पत्थलगाँव विकासखण्ड के फल व्यापारी सीधे खेत पर पहुँचकर हमसे इनकी थोक में खरीदी कर रहे हैं।”
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एक नजर-
ग्रा.पं.- सुरेशपुर, विकासखण्ड- पत्थलगाँव, जिला- जशपुर, जनसंख्या- 2200
स्वीकृत राशि- 9.48 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2013-14, सृजित मानव दिवस- 3617, नियोजित श्रमिक- 67
क्रं. |
हितग्राही का नाम |
रोपण रकबा (हेक्टेयर में) |
रोपण पौधों की संख्या |
1. |
श्री मदनलाल पिता श्री जगरनाथ |
2.400 |
610 |
2. |
श्री बुधकुंवर पिता श्री सोनसाय |
0.400 |
120 |
3. |
श्री मोहन पिता श्री बुधू |
0.500 |
170 |
4. |
श्रीमती हेमलता पति श्री पिनाकधर |
0.500 |
170 |
5. |
श्री मनबहाल पिता श्री माधव |
0.800 |
230 |
तथ्य एवं स्त्रोत- 1. श्री पुष्पेन्द्र कुमार पटेल, प्रभारी उद्यान अधीक्षक, विकासखण्ड-पत्थलगाँव, जिला-जशपुर, छत्तीसगढ़।
2. श्री ज्ञानेश कुमार डनसेना, ग्राम रोजगार सहायक, ग्रा.पं.-सुरेशपुर, ज.पं.-पत्थलगाँव, जिला-जशपुर, छत्तीसगढ़।
लेखन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
संपादन- श्री आलोक सातपुते, प्रकाशन शाखा, विकास आयुक्त कार्यालय, इंद्रावती भवन, नवा रायपुर, छत्तीसगढ़।
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