Saturday, 28 November 2020

मनरेगा से सुधन राम की खुशियों को मिला एक नया ठौर, पेश की आत्मनिर्भरता की मिसाल (लॉकडाउन टू अनलॉक विशेष)

रायपुर। मनुष्य में अगर काम करने की दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन हो तो रास्ते खुद-ब-खुद बनते जाते हैं। ऐसी ही एक मिसाल जशपुर जिले की ग्राम पंचायत कण्डोरा के लघु कृषक श्री सुधन राम ने प्रस्तुत की है। कल तक बारिश के भरोसे खेतों में धान उगाकर और बाकी समय मजदूरी करके, अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले श्री सुधन अब सालभर अपने खेतों में नजर आने लगे हैं। वे वहाँ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से बने कुएँ के पानी से सिंचाई के द्वारा खेतों में धान के अलावा सब्जियों का उत्पादन लेकर अपने परिवार को बेहतर जिंदगी दे पा रहे हैं। उन्होंने कुएँ की बदौलत अपने खेतों में 16 क्विंटल धान की उपज प्राप्त की है और उत्पादित सब्जियों की बिक्री से 50 हजार रुपये की आय भी अर्जित की है।

जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखण्ड से 8 कि.मी. दूर कण्डोरा ग्राम पंचायत है। इस पंचायत के निवासी श्री सुधन राम पिता श्री डूढ़ की गाँव में 4 एकड़ कृषि भूमि है। वहाँ वे परम्परागत तरीकों से खेती-किसानी कर अपने परिवार का जीवन-यापन जैसे-तैसे कर रहे थे, परन्तु समय के अनुसार बढ़ती पारिवारिक जरुरतों और आकस्मिक खर्चों को पूरा करने की चुनौती हमेशा बनी रहती थी। उस पर पूरी तरह बारिश पर निर्भरता भी एक समस्या बनी हुई थी, जो उन्हें सतत आजीविका के लिए एक नया रास्ता ढूंढने के लिए विवश कर रही थी। 

अंततः श्री सुधन राम को रास्ता मिला और खुशियों ने उनके घर-आँगन में दस्तक दे दी। ग्राम पंचायत के सहयोग से उनके खेत में दो लाख 10 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति के साथ कूप निर्माण का कार्य जो प्रारंभ हो गया था। स्वयं, परिवार के 2 सदस्यों और गाँव के 18 मनरेगा श्रमिकों की मदद से उनका यह कुआँ पाँच माह में बनकर तैयार हो गया। कार्य पूर्ण होने के बाद जुलाई 2019 में श्री सुधन ने पहली बार अपने कुएँ से लगी 2 एकड़ 20 डिसमिल जमीन में धान की फसल और बागवानी फसल के रुप में गोभी, टमाटर, आलू, मिर्च, धनिया, मूली, बैगन और प्याज लगाया, जिससे उन्हें लगभग 25 हजार रुपए की आमदनी हुई। उन्हें पहली बार जिंदगी में अपनी मेहनत का इतना ज्यादा मूल्य मिला था, सो पूरा परिवार खुश हो गया। 

लॉकडाउन में भी लॉक नहीं हुई आजीविका 

खेती-बाड़ी के लिए कुएँ के रुप में सिंचाई का साधन मिलने के बाद, जैसे ही श्री सुधन राम की जिंदगी की राह आसान बनने लगी थी कि अचानक कोरोना बीमारी के चलते लॉकडाउन लग गया और बाहरी काम बंद हो गए। ऐसे में कूएँ के पानी से खेत में सब्जी उत्पादन आय का एक प्रमुख साधन बन गया। श्री सुधन ने अपने खेतों में उत्पादित सब्जियों को घूम-घूमकर आस-पास के गाँव में और कुनकुरी के बाजार में बेचकर अच्छी कमाई की। आज उन्होंने सब्जी उत्पादन और बिक्री से लगातार बढ़ती आय को ही अपनी आजीविका का मुख्य आधार बना लिया है। 

इस संबंध में श्री सुधन राम बताते हैं कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ने उनके जीवन को एक नया आधार दिया है। कुआं निर्माण से जहाँ अब उनके खेतों में साल भर सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बनी रहती है, वहीं उन्हें सालभर का रोजगार अपने ही खेत से मिल रहा है। सालभर सब्जी उत्पादन होने से अच्छी-खासी आमदनी हो रही है और परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर पा रहे हैं। आर्थिक स्थिति बेहतर होने से उन्होंने अपने बेटे का इलाज भी अच्छे से करा पाया है। यह योजना और कुआँ, दोनों ही उनके परिवार की खुशियों का एक नया ठौर बन गया है। 

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एक नजरः-
कार्य का नाम- कूप निर्माण, कार्य प्रारंभ तिथि-19.02.2019, कार्य पूर्णता तिथि-01.07.2019,
ग्रा.पं.- कण्डोरा, विकासखण्ड-कुनकुरी, जिला-जशपुर
दूरी-कुनकुरी विकासखण्ड मुख्यालय से 8 कि.मी.,
स्वीकृत राशि-2.10 लाख, स्वीकृत वर्ष-2017-18, सृजित मानव दिवस- 566
जी.पी.एस. लोकेशन- Latitude: N 22◦45'41.7384″ एवं Longitude: E 84◦0'10.1196″
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रिपोर्टिंग एवं लेखन- श्री अश्वनी व्यास, समन्वयक (शिकायत निवारण), जिला पंचायत-जशपुर, छत्तीसगढ़, मो.-9165736925
तथ्य एवं स्त्रोत- श्री गोवर्धन प्रसाद नायक, कार्यक्रम अधिकारी, ज.पं.-कुनकुरी, जिला-जशपुर, छत्तीसगढ़, मो.-8889054279
संपादन- 1. श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़,
2. श्री आलोक कुमार सातपुते, प्रकाशन शाखा, विकास आयुक्त कार्यालय, इन्द्रावती भवन, नवा रायपुर अटल नगर, छत्तीसगढ़।

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