Friday, 18 February 2022

समाज के लिए उदाहरण बनी दिव्यांग महिला मेट अनुराग

संघर्ष कर बनी घर की पालनहार.



स्टोरी/रायपुर/दुर्ग/18 फरवरी 2022. दुर्ग जिले के चीचा ग्राम पंचायत की सुश्री अनुराग ठाकुर का जज्बा देखते ही बनता है। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने अपनी दिव्यांगता को कभी मंजिल के रास्ते में आने नहीं दिया। जो ठान लिया, उसे पूरा करके ही माना। अपनी हिम्मत, हौसले और जुनून के बूते वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) में महिला मेट बनकर, समाज के लिए वह एक आदर्श बनकर उभरी हैं। आज उनका नाम गाँव के प्रत्येक के जुबान पर है। वह दिव्यांग होने के बावजूद महात्मा गांधी नरेगा में मेट का कार्य करते हुए अपने परिवार का आर्थिक सहयोग कर रही है।

जिले के पाटन विकासखण्ड की ग्राम पंचायत-चीचा की 34 वर्षीय सुश्री अनुराग ठाकुर एक पैर से दिव्यांग है। उनके परिवार में दो बहनें और एक भाई है। बचपन में ही नियति ने उसके सिर से पिता का साया उठा लिया था। ऐसे में परिवार में बड़ी होने के नाते उसके कंधों पर समय से पहले ही परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। काफी कोशिशों के बाद उन्होंने अपनी स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की। ग्राम पंचायत की पहल पर महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत वर्ष 2012 से वे मेट के रुप में काम कर रही हैं। वह सुबह जल्दी-जल्दी घर के सभी कामों को निपटाकर महात्मा गांधी नरेगा के कार्यस्थल पर पहुँचती है और मेट के रुप में मनरेगा श्रमिकों को काम आबंटित करके, उनके द्वारा किये गये कामों का हिसाब अपनी मेट-माप पंजी में दर्ज करती हैं। सुश्री अनुराग अपने कार्य में इतनी अधिक कुशल हो गई हैं कि वे अन्य मेट के भांति सभी कामों को सहजता से निपटा लेती हैं। इनके कौशल के सामने इनकी दिव्यांगता कहीं नजर ही नहीं आती।

जीवन के उतार-चढ़ाव को नजदीक से देखने वाली सुश्री अनुराग ने परिवार में बड़े होने की भूमिका का भी बखूबी निर्वहन किया है। उन्होंने विरासत में मिली खेती-बाड़ी को संभालते हुए अपने छोटे भाई-बहनों को पढ़ाया और उनका विवाह भी कराया। वह बताती हैं कि महात्मा गांधी नरेगा से उन्हें काफी संबल मिला। योजना में मेट के रुप में मिलने वाले पारिश्रमिक से वे अपनी आजीविका पहले से बेहतर तरीके से चला पा रही हैं। मेट के कार्य से उन्हें अब तक बतौर पारिश्रमिक एक लाख 67 हजार रुपये मिल चुके हैं।

मनरेगा में साल दर साल बढ़ी महिलाओं की भागीदारी

महिला मेट के रुप में सुश्री अनुराग ने महात्मा गांधी नरेगा में चलने वाले कार्यों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए घर-घर महिलाओं से संपर्क करके उनसे काम की डिमांड ली। उनकी सक्रियता के फलस्वरुप वर्ष 2018-19 में 189 महिलाओं को 4 हजार 346 मानव दिवस का रोजगार मिला, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 225 महिलाओं के द्वारा सृजित मानव दिवस 7 हजार 719 हो गया। महिलाओं की भागीदारी का यह सिलसिला वर्ष 2020-21 में भी जारी रहा। इस वर्ष 289 महिलाओं के द्वारा 16 हजार 271 मानव दिवस का रोजगार प्राप्त किया गया। वहीं चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 16 फरवरी की स्थिति में 277 महिलाओं को 5 हजार 430 मानव दिवस का सीधा रोजगार प्राप्त हो चुका है, जबकि अभी वित्तीय वर्ष समाप्त होने में एक माह से अधिक का समय शेष है।


स्व सहायता समूहों का सहयोग

अनुराग ठाकुर महात्मा गांधी नरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के अलावा, गाँव में महिला स्व सहायता समूह की दीदीयों के साथ भी कार्य करती है। वह स्वयं भी ओम सांईनाथ स्व सहायता समूह से जुड़ी हैं और समूह में लेखापाल की भूमिका निभाती हैं। अपनी लीडरशीप और लेखा संधारण के कौशल के बलबूते उन्होंने गाँव में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित 14 महिला स्व सहायता समूहों को परस्पर सक्रिय बनाकर रखा है। वह समूह की सभी दीदीयों के मध्य सहकार की भावना को बलवती करने का कार्य करती हैं। इसके अलावा वह सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में हितग्राही मूलक कार्यों को सीधे हितग्राही तक पहुँचाने के लिए गांव के निवासियों को जानकारी भी प्रदान करती हैं।
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वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिनांक- 17.02.2022 की स्थिति में एक नजरः-
जारी जॉब कार्ड संख्या- 378, सक्रिय जॉब कार्ड संख्या- 399, सक्रिय श्रमिकों की संख्या- 476,
सक्रिय महिलाओं की संख्या- 310, रोजगार प्राप्त परिवारों की संख्या- 320, रोजगार प्राप्त श्रमिकों की संख्या- 397
कुल सृजित मानव दिवस- 7882, रोजगार प्राप्त महिला श्रमिकों की संख्या- 277,
महिला श्रमिकों के द्वारा सृजित मानव दिवस- 5430, सौ-दिवस रोजगार पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या- 12
मेट का नाम- सुश्री अनुराग ठाकुर, उम्र- 34 वर्ष, मोबाईल- 7974429901
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तथ्य एवं आंकड़े-
1. श्रीमती डालिमलता, कार्यक्रम अधिकारी, विकासखण्ड-पाटन, जिला-दुर्ग, छत्तीसगढ़।
2. श्री जवाहर चंद्राकर, सरपंच, ग्रा.पं.-चीचा, विकासखण्ड-पाटन, जिला-दुर्ग, छत्तीसगढ़।
रिपोर्टिंग- श्रीमती रीता चाटे, सहायक प्रचार प्रसार अधिकारी, जिला पंचायत-दुर्ग, छत्तीसगढ़।
लेखन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
प्रूफ रिडिंग- श्री महेन्द्र मोहन कहार, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
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