Tuesday, 8 February 2022

मनरेगा से फलीभूत हुआ ‘दूधो नहाओ – पूतो फलो’ का आशीर्वाद

मनरेगा से बने पशुशेड में पशुपालन कर दुग्ध उत्पादन को बनाया मुख्य व्यवसाय.
प्रति माह हो रही 30 से 40 हजार रुपये की आय.



स्टोरी/रायपुर/बालोद/ 8 फरवरी 2022. 'दूधो नहाओ-पूतो फलो'....62 वर्षीय श्रीमती तुलसीबाई साहू के इस आशीर्वाद के तले आज उनका 14 सदस्यीय परिवार फल-फूल रहा है। साल 2020 में जहाँ पूरी दुनिया कोरोना महामारी के दौर में लॉक-डाउन और आर्थिक तंगी से जूझ रही थी, ऐसे में श्रीमती तुलसीबाई ने समझदारी का परिचय देते हुए परिवार को एकजुट किया। इसके बाद उन्होंने अपनी निजी भूमि पर महात्मा गांधी नरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) से बने पशु शेड में 10 मवेशियों की पालना करते हुए उनका दूध बेचकर अपने परिवार को उस कठिन समय से बाहर निकाला। आज उनके पास 42 मवेशी हो गए हैं और उनका पूरा परिवार इस व्यवसाय में लगा हुआ है, जिससे उन्हें प्रति माह 30 से 40 हजार रुपये की आमदनी हो रही है। परिवार की दशा-दिशा में आये इस बदलाव को लेकर गाँव में सब उनकी तारीफ करते हैं।

महिलाओं के लिए मिसाल बनीं तुलसीबाई
बालोद जिले के गुरुर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत पेरपार में श्रीमती तुलसीबाई अपने 14 सदस्यीय परिवार के साथ रहती हैं। उनके परिवार में उनके पति श्री जगन्नाथ साहू के अलावा उनके तीन बेटे और पुत्रवधुएँ एवं 6 बच्चे हैं। इतने बड़े परिवार का भरण-पोषण लगभग 3 एकड़ की खेती एवं 10 पशुओं, जिनमें से चार ही दुधारु थे, पर निर्भर था। पशुओं को रखने के लिए कोई पक्की छतयुक्त व्यवस्था नहीं थी, जिससे व्यवसायिक रुप से दुग्ध उत्पादन का कार्य दूर की कौड़ी थी। ऐसे में ग्राम पंचायत की पहल पर उनके यहाँ जून, 2020 में महात्मा गांधी नरेगा से 49 हजार 770 रुपये की लागत से पशु शेड का निर्माण हुआ।

महात्मा गांधी नरेगा से मिले संसाधन से संबल पाकर, श्रीमती तुलसीबाई ने कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में घर को चलाने के लिए परिवार के सभी सदस्यों को दूध उत्पादन को मुख्य व्यवसाय बनाकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। तब उनका प्रेरणा रुपी आशीर्वाद पाकर परिवार के सभी पुरुषों और महिलाओं ने मिलकर पशु पालन करना शुरु किया। सबकी मेहनत रंग लाई। आज श्रीमती तुलसीबाई के पशु शेड में मवेशियों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है, जिनमें से 16 दुधारु हैं। उनसे प्रति दिन लगभग 40-50 लीटर दुग्ध का उत्पादन हो रहा है, जिसे बाजार में बेचने पर महीने की लगभग 40 हजार रुपये की आमदनी हो रही है।

श्रीमती तुलसीबाई बताती हैं कि महात्मा गांधी नरेगा से बने पशु शेड में पशु पालन और दूध उत्पादन के कार्य से उन्हें जो आमदनी हुई, उससे उन्होंने 08 नये मवेशी खरीदे और दो अतिरिक्त पशु शेड का निर्माण करवाया। वे आगे बताती हैं कि कल तक वे पारंपरिक रुप से पशुपालन कर रहे थे, लेकिन आज उन्होंने इसे डेयरी व्यवसाय में बदल दिया है। डेयरी की शुरुआत में पशुओं से जो गोबर मिला, उसे राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत बेचने से 20 हजार रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई, जिससे दो नग वर्मी कम्पोस्ट टांका बनवाया। अब उसमें गोबर से जैविक खाद बना रहे हैं और उसे खेतों में उपयोग कर रहे हैं। इससे हमारी छोटी-सी खेती-बाड़ी भी निखर रही है।
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एक नजरः-
कार्य का नाम- पशु शेड निर्माण कार्य, हितग्राही का नाम- श्रीमती तुलसी बाई पति श्री जगन्नाथ साहू,
हितग्राही का जॉब कार्ड नं.- CH-03-012-030-001/93, क्रियान्वयन एजेंसी- ग्राम पंचायत, स्वीकृत वर्ष- 2020-21
ग्राम पंचायत- पेरपार, विकासखण्ड- गुरुर, जिला- बालोद, स्वीकृत राशि- 57649.00 रुपए, व्यय राशि- 49770.00 रुपए
कार्य प्रारंभ तिथि- 15.06.2020, कार्य पूर्णता तिथि- 28.06.2020, वर्क कोड- 3303012036/IF/1111437489,
सृजित मानव दिवस- 24, नियोजित परिवारों की संख्या- 02, मजदूरी भुगतान- 4560.00 रुपए,
जी.पी.एस. लोकेशन- 22°74'23.77"N 81°48'01.23"E, पिनकोड- 491227
हितग्राही श्रीमती तुलसीबाई साहू का संपर्क सूत्र- 07771088038 (श्री कांशीराम साहू-पुत्र)
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तथ्य एवं आंकड़े-
1. श्री राजेन्द्र कश्यप, कार्यक्रम अधिकारी, ज.पं.-गुरुर, जिला-बालोद, छ.ग.।
2. श्रीमती संजुलता राजपूत, सरपंच, ग्रा.पं.- पेरपार, ज.पं.-गुरुर, जिला-बालोद, छ.ग.।
रिपोर्टिंग- श्री ओम प्रकाश साहू, सहायक परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत-बालोद, जिला-बालोद, छ.ग.।
लेखन एवं संपादन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
प्रूफ रिडिंग- श्री महेन्द्र मोहन कहार, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
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