Wednesday, 3 February 2021

दलदली जमीन पर पानी से लबालब हुए तालाब, अब भेड़सर नहीं रहा लद्दी वाला गाँव

दलदली जमीन पर पानी से लबालब हुए तालाब,
अब भेड़सर नहीं रहा लद्दी वाला गाँव

-महात्मा गांधी नरेगा से बदली गाँव की तस्वीर.
-योजना के तहत गाँव में तालाबों और डबरियों की खुदाई से बनी पानी की उपलब्धता.

दिनांक-03 फरवरी 2021/ जिला मुख्यालय दुर्ग से 18 किलोमीटर दूर है भेड़सर गाँव। एक समय था जब इस गाँव को लद्दी वाले गाँव के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इस गाँव की पहचान बदलने लगी है। दलदली और लद्दी वाली जमीन अब तालाब का रुप ले चुकी है। अब यहां पानी से लबालब तालाब और डबरियाँ हैं। इसके अलावा नालों की सफाई और गहरीकरण से यहाँ का परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। गाँव को विकसित करने के लिए जब गाँव के लोगों ने जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली, तो एक तरफ जहाँ गाँव की तस्वीर बदलने लगी तो वहीं दूसरी तरफ गाँव के लोगों के आर्थिक हालात भी सुधरने लगे। यह सब कुछ संभव हुआ है पंचायत की पहल, ग्रामीणों की मेहनत और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) से।

दलदली और बंजर जमीन पर खुदवाए गए तालाब और डबरियाँ
पानी विकास का आधार है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत दुर्ग विकासखण्ड के इस गाँव में तालाब तथा खेतों में डबरी खुदवाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया गया। पहले पहले जहाँ दलदली और बंजर भूमि थी, वहाँ तालाब का निर्माण कराया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि गाँव में निस्तारी और सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने लगा, इससे भू-जल का स्तर भी सुधरने लगा। तालाब और डबरी निर्माण के लिए गाँव के ही लोगों को लगाया गया और इसमें उन्हें अकुशल श्रम के रुप में रोजगार भी मिला। अब गाँव में नगपुरा हरदेलाल मार्ग के किनारे नया तालाब निर्माण एवं नहर नाली के पास सार्वजनिक डबरी के रुप में नए जल स्रोत बन गए हैं। वहीं कलेन्द्री ठाकुर के खेत के पास नई सार्वजनिक डबरी की खुदाई प्रगतिरत है। इसके अलावा गाँव के पुराने मतखानवा तालाब, ठेठवार तालाब तथा मछरिया खार में बने नए तालाब के गहरीकरण का कार्य जारी है। आने वाले कुछ दिनों में इस गाँव में पानी के सार्वजनिक स्रोत बढ़ जाएँगे, जिनका लाभ गाँव, ग्रामीण और किसानों को मिलेगा।

जीवन में आई खुशहाली
भेड़सर के किसान तेजराम गौतम के पास 3 एकड़ जमीन है, जो सिंचाई के लिए पूरी तरह से बारिश पर निर्भर थी। अगर बारिश ठीक से नहीं होती थी, तो उनके समक्ष खेती-किसानी के लिए गंभीर स्थिति बन जाती थी। इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न खेत में बोर खुदवाया जाए। लेकिन चार से पांच बार बोर कराने पर भी उन्हें सफलता नहीं मिली। इसमें धन भी व्यर्थ गया और खेत भी प्यासे ही रहे। पानी कम होने के कारण फसल का उत्पादन भी कम हो गया था। ऐसे में महात्मा गांधी नरेगा योजना के रुप में उनके सामने एक उम्मीद की किरण नजर आई। उन्हें पता चला कि योजना के तहत किसान अपने खेत में निजी डबरी का निर्माण करवा सकते हैं। ग्राम रोजगार सहायक से संपर्क करके सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद श्री तेजराम के खेत में डबरी की खुदाई शुरु हुई, जिसमें गाँव के लोगों ने ही काम किया और अच्छी मजदूरी प्राप्त की। डबरी बनने के बाद श्री तेजराम की मुसीबतें दूर हुईं। अब बारिश का पानी डबरी में इकट्ठा हो जाने से उन्हें बेहतर सिंचाई सुविधा मिलने लगी। इससे फसल का उत्पादन भी बढ़ा, पहले जहाँ वे 3 एकड़ जमीन में 25-30 क्विंटल उत्पादन ले रहे थे, वहीं अब डबरी बनने के बाद 50-55 क्विंटल धान की पैदावार ले रहे हैं। इतना ही नहीं खेत की मेड़ों में दलहन की फसल भी ले रहें हैं। यहाँ डबरी बन जाने से एक पंथ दो काज की बात सच होती नजर आई है, क्योंकि तेजराम की डबरी का उपयोग न केवल सिंचाई के लिए हो रहा है बल्कि वे इसमें मछली पालन भी कर रहे हैं।

दूर हुई पानी की कमी
ग्राम पंचायत भेड़सर के वार्ड क्रमांक 17, 18 व 19 में रहने वाले ग्रामीण अधिकांशतः पशुपालक हैं। इस क्षेत्र के दो तालाबों में जुलाई से नवंबर तक 4 माह पानी रहता था। इससे वर्ष की शेष अवधि में मवेशियों के लिए पानी की कमी की समस्या खड़ी हो जाती थी। इस समस्या को दूर करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत विस्तृत कार्य योजना बनाई गई, जिसके तहत गाँव भर में कच्ची नालियों का निर्माण कराते हुए, उन्हें तालाबों से जोड़ा जा रहा है, ताकि वर्षा का जल तालाबों और डबरियों में संग्रहीत और संरक्षित होने लगे।



-0-

एक नजरः-
ग्रा.पं.- भेड़सर, विकासखण्ड- दुर्ग, जिला- दुर्ग, पिनकोड- 491001, जी.पी.एस. लोकेशन- 21°13'50.08"N 81°15'05.77"E
1.   कार्य- नगपुरा हरदेलाल मार्ग में नया तालाब निर्माण, स्वीकृत राशि- 11.31 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2018-19
2.   कार्य- कलेन्द्री ठाकुर के खेत के पास डबरी (नया तालाब) निर्माण, स्वीकृत राशि- 9.77 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2019-20
3.   कार्य- नहर नाली के पास सार्वजनिक डबरी (नया तालाब) निर्माण, स्वीकृत राशि- 9.32 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2019-20
4.   कार्य- मतखानवा तालाब गहरीकरण, स्वीकृत राशि- 9.10 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2019-20
5.   कार्य- मछरिया खार में नया तालाब गहरीकरण, स्वीकृत राशि- 8.27 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2019-20
6.   कार्य- ठेठवार तालाब गहरीकरण, स्वीकृत राशि- 9.99 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2020-21
7.   कार्य- खलडबरा तालाब क्रमांक 3 के पास नाला डिस्लटिंग कार्य, स्वीकृत राशि- 4.88 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2020-21
8.   कार्य- खलडबरा तालाब क्रमांक 4 के पास नाला डिस्लटिंग कार्य, स्वीकृत राशि- 5.07 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2020-21
9.   कार्य- नाला गहरीकरण एवं पुनोरुद्धार (भरत देशमुख के खेत से उर्मिला देशमुख के खेत तक), स्वीकृत राशि- 9.97 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2019-20
10. कार्य- नाला सफाई कार्य 900 मी. (बालाराम के खेत से भरत देशमुख के खेत तक), स्वीकृत राशि- 12.77 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2017-18
11. कार्य- निजी डबरी निर्माण (श्री तेजराम गौतम पिता श्री हरखराम), स्वीकृत राशि-2.97 लाख, स्वीकृत वर्ष- 2017-18
-----
रिपोर्टिंग-           श्रीमती रीता चाटे, सहायक प्रचार प्रसार अधिकारी, जिला पंचायत-दुर्ग, छत्तीसगढ़, मो.-9131077675
लेखन-               सुश्री आमना मीर, सहायक जनसंपर्क अधिकारी, जिला-दुर्ग, छत्तीसगढ़।
तथ्य एवं स्त्रोत-
1. श्रीमती गौरव मिश्रा, कार्यक्रम अधिकारी, जनपद पंचायत-दुर्ग, जिला-जिला, छत्तीसगढ़
2. श्रीमती दीप्ती सिंह, तकनीकी सहायक, जनपद पंचायत-दुर्ग, जिला-जिला, छत्तीसगढ़
3. श्री ओंकार प्रसाद गौतम, ग्राम रोजगार सहायक, ग्रा.पं.-भेड़सर, वि.ख.-दुर्ग, जिला-दुर्ग, छ.ग., मो.-7000200760
संपादन-             श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
प्रूफ रिडिंग-       
श्री महेन्द्र मोहन कहार, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
---
Pdf अथवा Word Copy डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें- http://mgnrega.cg.nic.in/success_story.aspx

महात्मा गांधी नरेगा से बने कुएं ने दिखाई कर्ज मुक्ति की राह

कुएं ने धान की पैदावार तो बढ़ाई ही, आजीविका का नया जरिया भी दिया. ईंट निर्माण से तीन सालों में साढ़े तीन लाख की कमाई. स्टोरी/रायपुर/बीजापुर/...