Saturday, 6 February 2021

महात्मा गांधी नरेगा खोल रहा किसानों की आर्थिक समृद्धि का रास्ता

 कुआँ खुदाई के बाद धान के साथ ही अब गेहूँ और सब्जी की भी खेती

रायपुर. 5 फरवरी 2021/ महात्मा गांधी नरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) लोगों को रोजगार मुहैया कराने के साथ ही लगातार उनकी आजीविका का संवर्धन भी कर रहा है। महात्मा गांधी नरेगा के जरिए निजी डबरियों, तालाबों और कुओं के निर्माण से सिंचाई की व्यवस्था हो जाने से छोटे व सीमांत किसानों की आर्थिक समृद्धि का रास्ता खुल रहा है। अब वे केवल धान की खेती तक सीमित नहीं हैं। रबी फसलों और सब्जी की पैदावार के साथ ही यह मछली पालन जैसे नए रोजगार का विकल्प भी प्रदाय कर रहा है। डबरियों, तालाबों और कुओं के निर्माण से आजीविका संवर्धन के साथ ही निस्तारी के लिए भी पानी मिल रहा है।

महात्मा गांधी नरेगा से खेत में बने कुएँ ने कोरिया जिले के वनांचल भरतपुर के ग्राम जमथान के किसान श्री समयलाल अहिरवार की जिंदगी बदल दी है। कुआँ खुदाई के बाद वे खेत से लगी अपनी बाड़ी में सब्जी उत्पादन कर रहे हैं। साथ ही बाड़ी के पास अपनी एक एकड़ भूमि में बाड़ लगाकर गेहूँ की फसल भी ले रहे हैं। श्री समयलाल बताते हैं कि पिछले साल उन्होंने तीन क्विंटल गेहूँ का उत्पादन लिया था, इस बार भी उन्होंने सब्जी के साथ गेहूँ की बुआई की है। चावल के साथ रोटी और सब्जी भी अब वे अपने खेत का उगा खा रहे हैं। अनाज और सब्जी अब उन्हें बाहर से खरीदना नहीं पड़ रहा है।

साढ़े तीन एकड़ कृषि भूमि के मालिक श्री समयलाल आगे बताते हैं कि पहले सिंचाई और पेयजल, दोनों का गंभीर संकट था। घर से दूर पानी का एकमात्र साधन हैंडपंप था। इससे वे पेयजल की व्यवस्था तो कर लेते, पर निस्तारी के लिए परेशान होना पड़ता। गर्मियों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती थी। उनकी बाड़ी के पास एक छोटी-सी पुरानी ढोड़ी थी, पर वह भी बरसात के बाद ठंड आते-आते सूखने लगती। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत तीन वर्ष पहले खेत में कुएँ की खुदाई के बाद उनकी ये समस्याएं अब दूर हो गई हैं। अब उनके पास निस्तारी और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी है। कुएँ ने उन्हें न केवल रोज-रोज की पानी की दिक्कतों से निजात दिला दी है, बल्कि धान के बाद गेहूँ और सब्जियों की खेती का रास्ता भी खोल दिया है।

पाँच सदस्यों वाले परिवार के मुखिया श्री समयलाल का कहना हैं कि तीन साल पहले उन्होंने गाँव आए जीपीडीपी (ग्राम पंचायत विकास योजना) दल से अपनी समस्या साझा की थी। दल के सुझाव पर ग्राम पंचायत ने उनकी समस्या के समाधान के लिए महात्मा गांधी नरेगा से खेत में कुआँ निर्माण का रास्ता निकाला। इसके लिए एक लाख 80 हजार रुपए की राशि मंजूर की गई। कुएँ की खुदाई के दौरान उनके परिवार को 120 मानव दिवस का सीधा रोजगार भी मिला, जिसके एवज में उन्हें 20 हजार 880 रुपए की मजदूरी मिली। उन्होंने इस रकम से बिजली से चलने वाला पंप खरीदा, जिसका इस्तेमाल वे अब कुएँ से अपने खेत और बाड़ी की सिंचाई के लिए करते हैं।

-0-

एक नजरः-
कार्य का नाम- कूप निर्माण, हितग्राही- श्री समयलाल पिता श्री अदन, ग्रा.पं.- जमथान, विकासखण्ड- भरतपुर, जिला- कोरिया, 
कार्य का कोड- 3306005022/IF/1111294967, स्वीकृत वर्ष- 2017-18, स्वीकृत राशि- रुपए 1.80 लाख,
सृजित मानव दिवस- 438, जी.पी.एस. लोकेशन- 23°40'44.0"N 81°39'46.0"E, पिनकोड- 497778   
-----
रिपोर्टिंग व लेखन - श्री रुद्र मिश्रा, सहायक प्रचार प्रसार अधिकारी, जिला पंचायत-कोरिया, छत्तीसगढ़, मो.-9424259026
तथ्य एवं स्त्रोत- श्री पंकज पटेल, तकनीकी सहायक, ग्रा.पं.-जमथान, वि.ख.-भरतपुर, जिला-कोरिया, छ.ग., मो.-7489033950
पुनर्लेखन व संपादन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
प्रूफ रिडिंग- श्री महेन्द्र मोहन कहार, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
---
Pdf अथवा Word Copy डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें- http://mgnrega.cg.nic.in/success_story.aspx

महात्मा गांधी नरेगा से बने कुएं ने दिखाई कर्ज मुक्ति की राह

कुएं ने धान की पैदावार तो बढ़ाई ही, आजीविका का नया जरिया भी दिया. ईंट निर्माण से तीन सालों में साढ़े तीन लाख की कमाई. स्टोरी/रायपुर/बीजापुर/...