रायपुर। मेहनतकश आदिवासी परिवार मार्गदर्शन और संसाधनों का संबल पाकर संपन्नता की कहानी गढ़ लेते हैं। प्रगति की राह पर बढ़ते ऐसा ही परिवार है कोरिया जिले की ग्राम पंचायत पिपरिया में रहने वाले श्री संपत सिंह पिता बुद्धु सिंह का है। खरीफ की खेती के बाद परिवार की रोजी-रोटी चलाने के लिए अकुशल श्रम की कतार में लगने वाले इस परिवार को जब से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) से डबरी के रुप में जल-संचय का साधन मिला है, तब से इनके जीवन जीने का तरीका ही बदल गया है।
मनेन्द्रगढ़ विकासखण्ड की ग्राम पंचायत पिपरिया के निवासी श्री संपत सिंह के छोटे से परिवार को अब बारिश के बाद के महीनों में रोजगार की कोई चिंता नहीं है। महात्मा गांधी नरेगा से एक छोटा सा जल-संग्रह का साधन पाकर, यह परिवार अपनी आर्थिक उन्नति की राह बनाने में लग गया है। डबरी बनने के बाद इन्होंने धान की दो-गुनी उपज ली और अब वे अपनी बाड़ी में दो क्विंटल आलू के अलावा टमाटर और मिर्च लगाकर खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।
श्री संपत के परिवार में माँ श्रीमती मानकुंवर, पिता श्री बुद्धु सिंह और पत्नी श्रीमती सुनीता को मिलाकर कुल चार सदस्य हैं। यद्यपि पिता की उम्र 60 साल से अधिक हो चुकी है और वे अब पहले की तरह खेतों में काम नहीं करते हैं, फिर भी उनके नाम से स्वीकृत हुई यह डबरी खेतों में श्री संपत को उनके पिता के होने का एहसास निरंतर कराती रहती है। खेतों में डबरी निर्माण की आवश्यकता के प्रश्न पर श्री संपत ने उत्साहपूर्वक बताया कि उनके पिता के नाम पर गाँव में कुल आठ एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें से चार एकड़ भूमि घर से लगकर है। सिंचाई साधनों के अभाव में पूरी की पूरी जमीन असिंचित थी। गाँव में उनके चाचा और आस-पड़ोस के किसानों के खेतों में डबरी बनने के बाद से उनकी खेती और जीवन में आये परिवर्तन ने ही उन्हें अपने खेत में डबरी बनाने के लिए प्रेरित किया था। ग्राम पंचायत की मदद से उनके खेत में महात्मा गांधी नरेगा से डबरी बनी है। वे डबरी की बदौलत इस साल रबी की फसल के रुप में गेहूँ लगाने की तैयारी में हैं।
जनपद पंचायत- मनेन्द्रगढ़ की तकनीकी सहायक श्रीमती अंजु रानी इस डबरी निर्माण से जुड़े अन्य पहलुओं पर रोशनी डालती हुए कहती है कि योजनांतर्गत सितम्बर 2019 में श्री बुद्धु सिंह के नाम से एक लाख 80 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति से यह डबरी स्वीकृत हुई थी। लॉकडाउन के दरम्यान यहाँ काम चला था और हितग्राही के परिवार को सीधे रोजगार भी मिला, जिससे उन्हें लगभग 18 हजार रुपए की मजदूरी प्राप्त हुई। इन रुपयों के सहारे हितग्राही के बेटे श्री संपत ने बिजली से चलने वाला दो हॉर्सपावर का एक पम्प खरीदा, जिसका उपयोग वे डबरी से सिंचाई में करते हैं। डबरी से मिल रहे फायदों को आगे बढ़ाते हुए, इन्होंने मछलीपालन के लिए इस बार डबरी में पाँच किलो मछली बीज भी डाला है।
महात्मा गांधी नरेगा का संबल श्री संपत की संपन्नता की कहानी का आधार बना। अब वह अपनी सफलता से अन्य हितग्राहियों के लिए प्रेरणा पुंज बन रहा है।
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एक नजरः-
कार्य का नाम- डबरी निर्माण कार्य (बुद्धू सिंह/ माधव), ग्रा.पं.- पिपरिया, विकासखण्ड- मनेन्द्रगढ़, जिला- कोरिया,
कार्य प्रारंभ तिथि- 03.11.2019, कार्य पूर्णता तिथि- 30.04.2020,
स्वीकृत राशि- 1.80 लाख, स्वीकृत वर्ष-2019-20, सृजित मानव दिवस- 980,
दूरी- जिला मुख्यालय से 10 कि.मी. एवं विकासखण्ड मुख्यालय से 45 कि.मी., पिन कोड- 497442
जी.पी.एस. लोकेशन- Latitude: N 23◦15'49.9″ एवं Longitude: E 82◦14'49.8″
परिवर्तन- पहले घर के पास के खेतों में खरीफ में 20 से 25 बोरा धान की फसल होती थी, जो इस बार 45 बोरा हुई है।
संपादन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
कार्य का नाम- डबरी निर्माण कार्य (बुद्धू सिंह/ माधव), ग्रा.पं.- पिपरिया, विकासखण्ड- मनेन्द्रगढ़, जिला- कोरिया,
कार्य प्रारंभ तिथि- 03.11.2019, कार्य पूर्णता तिथि- 30.04.2020,
स्वीकृत राशि- 1.80 लाख, स्वीकृत वर्ष-2019-20, सृजित मानव दिवस- 980,
दूरी- जिला मुख्यालय से 10 कि.मी. एवं विकासखण्ड मुख्यालय से 45 कि.मी., पिन कोड- 497442
जी.पी.एस. लोकेशन- Latitude: N 23◦15'49.9″ एवं Longitude: E 82◦14'49.8″
परिवर्तन- पहले घर के पास के खेतों में खरीफ में 20 से 25 बोरा धान की फसल होती थी, जो इस बार 45 बोरा हुई है।
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रिपोर्टिंग एवं लेखन - श्री रुद्र मिश्रा, सहायक प्रचार-प्रसार अधिकारी, जिला पंचायत-कोरिया, छत्तीसगढ़, मो.- 9424259026संपादन- श्री संदीप सिंह चौधरी, प्रचार प्रसार अधिकारी, महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़।
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